देश की टॉप 30 सेन्सेक्स कंपनी में शामिल होना ही एक व्यापारी का लक्ष्य - भरतकुमार सोलंकी
कोई भी उत्पाद के उत्पादन से लेकर उसके उपयोग तक के सफर में जितने लोगों के हाथ से वह गुजरता है और उसमें जितने भी लोगों का मुनाफ़ा जुड़ जाता है उन बीच के लोगों को बिज़नेसमैन कहा जाता है। कोई किसी उत्पाद प्रॉडक्ट को उत्पन्न कर रहा है तो कोई उसी सेमी उत्पाद को दूसरे उत्पाद से जोड़कर एसेंब्लिंग करते हुए एक नया उत्पाद बना रहा है। कोई किसी उत्पाद को बड़ी पैकिंग से निकालकर छोटे पेकेट में डालकर बेच रहा है। इन तमाम प्रकिया को अंजाम देने वाले को बिज़नेसमैन कहा जाता है।
जिस व्यक्ति का कारोबार टर्नओवर की दृष्टि में जितना बड़ा होता है वह उतना ही बड़ा कारोबारी या बिज़नेसमेन कहलाता हैं। पहली दृष्टि में एक तो कोई भी कारोबारी का टर्नओवर बड़ा होने पर वह बड़ा व्यापारी कहलाता है। दूसरी बात उस व्यक्ति के कारोबार की कुल ऐसेट की मार्केट वैल्यू के आधार पर ही उसकी साख मापी जाती है। बाज़ार में कोई भी व्यक्ति अपना व्यापार कारोबार प्रॉपरायटर फ़र्म से शुरू करते हुए पार्टनरशीप, एलएलपी, प्राइवेट लिमिटेड, लिमिटेड और पब्लिक लिमिटेड तक का सफर तय कर सकता है। जिस कंपनी की कैपिटल पुंजी कीसी भी स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर के रूप में लिस्टेड होती है उसे पब्लिक लिमिटेड कंपनी कहा जाता है।
कोई भी उत्पाद सेक्टर में व्यापार करने वाले हर व्यापारी के व्यापार सफर का एक सपना यही होता हैं की उसकी फ़र्म किसी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड हो, यही एक सुलझे हुए व्यापारी का विज़न होता है। शेयर मार्केट में लिस्टेड होने के साथ उस कंपनी की पोजीशन को वैल्यूएशन के आकार में देश की टॉप 500 सूची में शामिल होना ही व्यापार जगत में सफलता की पहली पायदान मानी जाती हैं।
देश की टॉप 500 सूची में शामिल होने के बाद टॉप 200 और फिर टॉप 100 और उसके बाद टॉप50 यानी निफ्टी-50 में प्रवेश। निफ़्टी 50 से आगे की यात्रा को टॉप-30 में शामिल होने पर वह कंपनी बीएसई सेन्सेक्स का हिस्सा बन जाती है। ज्ञात रहे बीएसई सेन्सेक्स देश की सबसे बड़ी तीस कंपनियों की पुंजी कैपिटल का एक सूचकांक है जो इन तीस सबसे बड़ी कंपनीयों का मार्केट कैपिटल वैल्यूएशन को दर्शाता है।
पान बीड़ी शॉप से लेकर सब्जी मंडी में साग-भाजी बेचने, दर्जी की दुकान हो या नाई की सेलून, कपड़ा, हार्डवेयर अथवा इलेक्ट्रॉनिक आदि तमाम प्रॉडक्ट के उत्पादन-सेवा से लेकर ख़रीद बिक्री का धंधा व्यापार ही कहलाता हैं। लेकिन एक व्यापारी के व्यापार का सफर इसी तरह एक प्रॉपरायटर फ़र्म से शुरू होकर देश की टॉप 30 सेन्सेक्स कंपनी में शामिल होना ही एक व्यापारी का लक्ष्य होना चाहिए।
भरतकुमार सोलंकी
वित्त विशेषज्ञ,
मुंबई
9820085610